
कॉलेज का नाम था NFU. जहाँ आदित्य शर्मा प्रोफेसर थे। 39 साल का आदित्य, हैंडसम, गोरा, फिट बॉडी, और वो चार्मिंग लुक जो किसी को भी दीवाना बना दे। उसका केबिन कॉलेज के एक कोने में था, जहाँ ज्यादा लोग नहीं आते थे। केबिन में एक टेबल, एक चेयर, और साइड में एक पुराना सोफा था। लेकिन इस छोटे से केबिन में आदित्य और निया की दुनिया बसती थी। निया, 18 साल की फर्स्ट ईयर स्टूडेंट, खूबसूरत, बोल्ड, और थोड़ी शरारती। उसकी हँसी और आँखों की चमक आदित्य को हर बार बेकरार कर देती।
एक दिन दोपहर में, जब कॉलेज में लंच का टाइम था, निया आदित्य के केबिन में आई। बाहर हल्की-हल्की स्टूडेंट्स की आवाजें थीं, मगर केबिन का दरवाजा लॉक था। आदित्य अपनी चेयर पर बैठा था, उसकी पैंट निकली हुई थी, और उसका लंबा, मोटा लंड खड़ा था, जैसे किसी का इंतजार कर रहा हो। निया ने अपनी स्कर्ट और शर्ट उतार दी थी। वो पूरी नंगी आदित्य के सामने टेबल पर बैठी थी। उसकी गोरी चमकती स्किन और बड़े-बड़े स्तन देखकर आदित्य का जोश और बढ़ गया।
निया नीचे झुकी और आदित्य के लंड को अपने मुँह में ले लिया। वो धीरे-धीरे उसे चूस रही थी, अपनी जीभ को गोल-गोल घुमा रही थी, जिससे आदित्य की सिसकारियाँ निकल रही थीं। आदित्य का एक हाथ निया के बड़े-बड़े स्तनों पर था, वो उन्हें जोर-जोर से मसल रहा था, उनके निप्पल्स को उंगलियों से दबा रहा था। उसका दूसरा हाथ निया की चूत पर था, जो पहले से ही गीली हो चुकी थी। वो अपनी उंगलियाँ अंदर-बाहर कर रहा था, निया की चूत से रस टपक रहा था, और वो सिसकार रही थी। केबिन में सिर्फ उनकी साँसों की आवाज और हल्की-हल्की चुस्कियों की आवाज गूँज रही थी। बाहर कोई भी आ सकता था, मगर ये डर उनके रोमांच को और बढ़ा रहा था।
थोड़ी देर बाद सीन बदला। आदित्य अब टेबल पर लेट गया, उसने अपने दोनों पैर फैलाए हुए थे। निया उसके ऊपर चढ़ गई और अपने चूत को आदित्य के मुँह के ठीक ऊपर ले आई। आदित्य ने निया की गांड के दोनों गाल पकड़ लिए और जोर-जोर से मसलने लगा। उसकी जीभ निया की चूत में अंदर-बाहर हो रही थी, वो उसे चाट रहा था, चूस रहा था, जैसे कोई भूखा शख्स खाने पर टूट पड़ा हो। निया की सिसकारियाँ तेज हो रही थीं, वो अपने होंठ दबा रही थी ताकि आवाज बाहर न जाए। आदित्य ने निया की गांड को और जोर से दबाया, उसके गालों को फैलाया, और अपनी जीभ को और गहराई तक ले गया। निया का पूरा शरीर काँप रहा था, और वो बस आदित्य के मुँह पर और जोर से रगड़ रही थी।
फिर दोनों ने पोजीशन बदली। अब वो 69 की पोजीशन में थे। निया नीचे थी, आदित्य का लंबा, मोटा लंड फिर से उसके मुँह में था। वो उसे लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी, अपनी जीभ से उसके टिप को चाट रही थी। उधर आदित्य निया की चूत को अपने मुँह में ले चुका था। वो उसकी चूत को चूस रहा था, अपनी जीभ को अंदर-बाहर कर रहा था, और निया का रस उसके मुँह में आ रहा था। दोनों एक-दूसरे को इतने जोश में चूस रहे थे कि केबिन में गर्मी बढ़ गई थी। टेबल हल्का-हल्का हिल रहा था, और बाहर से किसी के आने की आहट ने उनके रोमांच को और बढ़ा दिया।
पकड़े जाने का डर हर पल था। केबिन का दरवाजा लॉक तो था, मगर कोई भी टीचर या स्टूडेंट दस्तक दे सकता था। मगर ये डर उनके जुनून को और भड़का रहा था। दोनों एक-दूसरे में इतने खोए थे कि दुनिया की कोई परवाह नहीं थी।
अचानक बाहर से एक आवाज आई, "सर, आप केबिन में हैं?" दोनों एकदम रुक गए। निया की साँसें थम गईं, और आदित्य ने उसे इशारा किया कि चुप रहे। वो जल्दी से उठे, अपने कपड़े ठीक किए, और आदित्य ने दरवाजा खोला। बाहर एक स्टूडेंट था, जो कुछ नोट्स माँगने आया था। आदित्य ने उसे जल्दी से टरकाया, मगर अब दोनों की धड़कनें तेज थीं।

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